लखनऊ. डिफॉल्टर कंपनी डीएचएफएल में यूपीपीसीएल के 45000 कर्मियों के भविष्य निधि के निवेश मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। कंपनी में पैसा निवेश कराने के आरोप में तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी और महानिदेशक पीके गुप्ता के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई है। साथ ही दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अब सरकार डीएचएफएल में फंसे करीब 1600 करोड़ रुपए को निकालने के लिए प्रयास शुरू किए हैं। साथ ही इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का निर्णय लिया गया है।
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जब तक सीबीआई जांच शुरू नहीं करती है, तब तक इसकी पड़ताल पुलिस महानिदेशक आर्थिक अपराध शाखा आरपी सिंह करेंगे। सीएम योगी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी। जांच सीबीआई को दे दी गई है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
यह है पूरा मामला
दरअसल, राज्य सरकार के उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने अपने कर्मियों के 2600 करोड़ रुपए का प्रोविडेंट फंड (पीएफ) को निजी कंपनी डीएचएफएल में निवेश किया है। निवेश करने का निर्णय साल 2014 में सपा सरकार में उत्तरप्रदेश स्टेट पावर सेक्टर इंपलाइज ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में लिया गया था। इसके चलते मार्च 2017 से दिसंबर 2018 तक कर्मियों का 2631.20 करोड़ रुपए डीएचएफएल कंपनी में जमा किया गया।
इस दौरान एक हजार करोड़ रुपए तो वापस मिल चुका है। लेकिन इसी बीच मुंबई हाईकोर्ट ने डीएचएफएल द्वारा किए जाने वाले सभी भुगतान पर रोक लगा दी है। कारण, हाल ही में कंपनी के प्रमोटरों से प्रवर्तन निदेशालाय ने दाऊद इब्राहिम के एक पूर्व सहयोगी इकबाल मिर्ची की कंपनी के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ की थी। इसके बाद यूपीपीसीएल कर्मियों ने विभाग के चेयरमैन को पत्र लिखकर जीपीएफ और सीपीएफ से संबंधित पैसे के निवेश पर सवाल उठाए हैं। कंपनी में कर्मियों का करीब 1600 करोड़ रुपए फंस गया है।
यूपी स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंजीनियर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने योगी सरकार से कहा है कि हजारों कर्मियों की गाढ़ी कमाई वापस लाई जाए। एसोसिएशन के महासचिव राजीव कुमार के अनुसार, अभी भी 1600 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि डीएचएफएल कंपनी में फंसी हुई है। सरकार यह पैसा वापस लाए और सुनिश्चित करे कि इस तरह की कंपनियों में अब कर्मियों का पैसा निवेश नहीं किया जाएगा।
प्रियंका ने सरकार से पूछा था सवाल
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस प्रकरण में योगी सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि यूपी भाजपा सरकार ने राज्य के पॉवर कॉरपोरेशन के कर्मियों की भविष्य निधि का पैसा डीएचएफएल जैसी डिफॉल्टर कंपनी में फंसा दिया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि किसका हित साधने के लिए कर्मियों की 2000 करोड़ से भी ऊपर की गाढ़ी कमाई इस तरह की कंपनी में लगा दी गई? कर्मचारियों के भविष्य के साथ ये खिलवाड़ जायज है?